" IRS OFFICERS PROMOTED FROM THE GRADE OF SUPERINTENDENT OF CENTRAL EXCISE ARE ALSO MEMBERS OF AIACEGEO. THIS IS THE ONLY ASSOCIATION FOR SUPERINTENDENTS OF CENTRAL EXCISE AND IRS OFFICERS PROMOTED FROM THE GRADE OF SUPERINTENDENT OF CENTRAL EXCISE THROUGH OUT THE COUNTRY . President Mr.T.Dass and SG Mr. Harpal Singh.

Friday, 5 March 2021

Pain of Range Officer

 

रेंज अधिकारी की बदहालत का ब्यौरा।  

रेंज अधिकारी की बदहाल परिस्थिति का एकदम कम शब्दो मे सटीक बयान करना हो तो एक कहावत ही काफी है “गरीब की जोरू सब की भाभी”.

रेंज अधिकारी का कार्यभार:

·         नए रजिस्ट्रेशन फिसिकल वेरिफिकेशन, विजिट, दस्तावेज़ जांच, फोटो सहित रिपोर्ट अपलोड। 

·         पुराने रजिस्ट्रेशन मे औथोराइज़ेड व्यक्ति की  संपर्क विगत मे बदलाव की  बिनती को PDF मे बदल के अपलोड करके विगत बदलना।

·         पुराने रजिस्ट्रेशन मे एमेंडमेंट-  एडिशनल प्लेस, एड्रेस, कोंटेक्ट डिटेल्स, पार्टनर/डाइरेक्टर मे बदलाव, कवेरी करना, जवाब जाँचना, निर्णय लेना।

·         नियत अंतराल पर टेक्सपेयर डेटा जाँचना और गलत मेप्ड टेक्सपेयर की सही रेंज पता करके उसका कोड जानकर  वो सही रेंज मे भेजना। 

·         प्रत्येक टेक्सपेयर का आखिरी रिटर्न चेक करना, नॉन-फाइलर को नोटिस देना उसका एसेसमेंट करना,

·         6 माह से जादा के नॉन-फाइलर और अन्य किस्से मे सुओमोटो- केंसलेशन का नोटिस जारी करना, जिसके जवाब के साथ दस्तावेज़ जाँचना और निर्णय करना,

·         रिवोकेशन के किस्से मे AC को भरे रिटर्न, टेक्स, ब्याज, लेट फी, दंड का पत्राचार से रिपोर्ट करना (जब की रिवोकेशन  मे उसका कोई रोल ही नहीं, प्रोपर ऑफिसर AC/DC है जिनको देखना है या अधूरी विगत पर पार्टी को नोटिस देना है। उसके खुलासे के बाद कोई हकीकत जो सिर्फ रेंज अधिकारी से ही प्राप्त हो उसके लिए सिस्टम मे कवेरी कर सकते है। जो ज़िम्मेदारी खुद की है, जिसके लिये सहूलियत दिया है, वो कार्य अधीनस्थ पर डालना गलत है)

·         टेक्सपेयर की केंसलेशन बिनती पर केंशल करना।

·         डेटा एनालिसिस विंग की इंटेलीजन्स अंतर्गत कई प्रकार के रिपोर्ट और उसके आधार पर कारवाई भी करना।

·         राज्य एवं अन्य एजंसी के रिपोर्ट पर कारवाई करना।

·         TOP टेक्सपेयर- कुल टेक्स, केश, क्रेडिट, टर्नोवर, या कोई खास कोमोडिटी आधारित विविध रिपोर्ट्स।

·         रिफ़ंड वेरिफिकेशन मे हकीकत का रिपोर्ट करना।

·         विविध नोटिफिकेशन अंतर्गत कंशेषनल सप्लाय की अर्जी अंतर्गत कारवाई। 

·         टेक्सपेयर और सलाहकार के सभी प्रश्नो को सुनना, समझना, योग्य हल करना या यथोचित मार्गदर्शन करना।

·         हर हफ्ते, दो हफ्ते या महीने होती कोई भी मीटिंग के लिए CC, COMR, ADC, JC, AC की मांग पर उनके हर बार नए विषय नए प्रोफॉर्मा मे विगत से वन-टाइम एडहॉक रिपोर्ट बनाना, जिसका शायद ही कोई सदुपयोग हो। 

·         वैसे ही अलग अलग इंस्पेक्षन या इंटरनल ओडिट समय  रिपोर्ट बनाना। 

·         एक्साइज/सर्विसटेक्स की पीरीओडिकल डिमांड/एरियर्स रिकवरी  वगैरह।

·         अपील वगैरह मे कॉमेंट बनाना।

 

पुराने समय एक रेंज मे रेवेन्यू अनुसार लगभग 2 से लेकर 80/90 यूनिट रहते थे तो अधिकारी और फेकटरी सबको एकदूसरे की पूरी जानकारी रहती थी। नियत नमूने मे रिकार्ड रहता था। जब जरूर पड़े तब एकदूसरे से त्वरित संपर्क से विगत मिलती थी। नयी कर प्रणाली मे आज वो संख्या 1000 से 6000 या ज्यादा टेक्सपेयर हुई है।

ट्रेनिंग एकेडेमी के गायडन्स नोट अनुसार कर प्रणाली फेसलेस होने का, टेक्सपेयर से नहिवत संपर्क का इरादा था। माना था की सब डेटा सिस्टम से ही मिलेगा लेकिन आज भी सिस्टम ट्रायल & एरर पर काम करती है। ज़्यादातर किस्सो मे डेटा के लिए टेक्सपेयर का संपर्क मजबूरी है तो दिये फोन नुम्म्बर कोई सलाहकार, पुराने सलाहकार या उनके स्टाफ अथवा नौकरी छोड़ चुके व्यक्ति के निकलते है, तो टेक्सपेयर का संपर्क ही नहीं होता।   कई रिपोर्ट के लिए एक एक टेक्सपेयर का एक एक रिटर्न खोलकर उसके जोड़ से रिपोर्ट मे उपयोग होता है। जरा सोचो की एक रेंज मे जब ऐसे पचासों या सेंकड़ों टेक्सपेयर हो तो क्या हाल होता होगा? उच्चाधिकारी आज भी पुराने समय मे ही जीते है, ऊंकों बदली स्थिति का ख्याल ही नहीं, बल्कि उनको तो ये ही ख्याल है की रेंज अधिकारी के पास जादुई छड़ी है जिसको घुमाते ही रिपोर्ट बन जाती है या वो कोई दैवी शक्ति वाला महामानव है।

कई कई रेंज का भौगोलिक विस्तार इतना बड़ा है की दो छोर के बीच लगभग 150 किलोमीटर का फांसला भी है। नए रजिस्ट्रेशन  की संख्या और इलाके का विस्तार देखते हुये रेंज अधिकारी मुश्किल से ही दफ्तर पहुँच शकता है। उसको वाहन, लेपटोप, केमेरा, मोबाइल, सिम-कार्ड,  इंटरनेट जैसी कोई भी सुविधा प्रदान नहीं किया गया है।, उससे उम्मीद है की वो सब इंतेजाम खुद के बलबूते पर ही कर ले और सब काम नियत समय मे पूर्ण करे। उपरोक्त कार्यभार को देखते हुये सोचो की वो बाकी काम कब करेगा?

इसका खामियाजा डिवीज़न मे पोस्टेड स्टाफ को भी भुगतना पड़ता है। जो रिपोर्ट की  विगत रेंज से लेनी है लेकिन रेंज अधिकारी ऑफिस मे बैठ ही नहीं सकता तो रिपोर्ट कब देगा? बेवजह डांट सुनानी पड़ती है। कई रिपोर्ट रेंज से नहीं मिलने पर  डिवीज़न का स्टाफ मुश्केली सहकर भी खुद तैयार कर लेता है। कई प्रकार की रिपोर्ट सिस्टम से नहीं मिलती।

इसके अतिरिक्त काम है की कोई भी उच्च अधिकारी चाहे डिवीज़न, HQ या अपील कमिश्नरेट से  टेक्सपेयर को कोई भी कागजी नोटिस, ऑर्डर या हियरिंग के पत्र वगैरह जारी हो वो आज भी रेंज अधिकारी को डिलिवरी के लिए दिये जाते है। जब की कानून मे नोटिस, ऑर्डर की डिलिवरी केलिए नियत प्रावधान है। एक केस मे पार्टी के घर पर उसके लड़के को ऑर्डर देकर रसीद लिया तो उसने डिलिवरी नियत प्रणाली अनुसार नहीं हुयी और उसने अपने लड़के को प्रतिनिधि नियुक्त नहीं किया की दलील किया देखा है, जो कानूनी सही लगी। एक मामला ये भी था की अपील कमिश्नरेट के ऑर्डर की डिविलरी करने र्रेंज और प्रिवेंटिव ने कोशिश किया लेकिन पार्टी जगह बेच के जा चुकी थी तो अपील कमिश्नरेट ने खुद अपने नोटिसबोर्ड पर लगाने की बजाय उसके लिए भी रेंज को कहा जब की जिस ऑफिस का ऑर्डर हो उनको ही खुद की ऑफिस के नोटिस बोर्ड पर लगाना होता है।

यदि रूबरू जाना जरूरी भी है तो भी कौन से कानून मे ये लिखा है की हर जगह रेंज अधिकारी को खुदकों ही रूबरू जाकर डिलिवरी करना होगा चाहे वो मामला डिवीज़न, HQ या या अपील कमिश्नरेट का हो? जब पूर्ववर्णित अतिशयज्यादा कार्यभार हो, इलाका बड़ा हो तब रेंज अधिकारी से ये उम्मीद भी कैसे करते होंगे?

सवाल ये भी है की मानवीय क्षमता और निर्दिष्ट कामकाजी समयमर्यादा मे पूर्ण न हो इतने कार्य का विरोध भी क्यों नहीं? शायद मनचाहे पोस्टिंग की तलब, या कहीं दूरदराज़ मे तबादले का डर   या अपने APAR ग्रेडिंग  उत्कृष्ट हो ये लालसा या  CCS conduct Rules के मनचाहे विकृत अर्थघटन मेमो/चार्जशीट और परिणाम स्वरूप सजा का डर? ऐसे ही शारीरिक और मानसिक यातना सहकार नौकरी का मतलब भी क्या है? न आपकी शारीरिक या मानसिक सेहत बचेगी न अप परिवार को खुशी दे शकोगे। फिल्म मिस्टर नटवारलाल मे अमिताभ का डायलोग याद है?- ये जीना भी कोई जीना है? ये हम्मेश ख्याल रहे की सरकार या विभाग की नीति की बुराई मे और हकीकत का ब्यौरा करते समय कोई व्यक्ति  की मूर्खता या  नाकामी उजागर हो दोनों मे बहोत फर्क है।  (मेरा 2019-20 का APAR ऐतिहासिक स्तर पर बिगाड़ा है और अभी अभी CCS conduct Rules कौनसे क्लोज़ का भंग हुआ वो भी पता न होने के बावजूद भी वोर्निंग मिली है, जिसकी बात बाद मे करूंगा)

जरूरी है की सभी अधिकारी रेंज मे होनेवाली दिक्कतों का ब्यौरा ऊपरी अधिकारी के समक्ष रजूआत करे, तुरंत ही जरूरी सहूलियत प्रदान करने का लिखित मे आग्रह करे। सरकार या विभाग की नीति के त्वरित और असरकारक अमल के लिए ज़रूरियात की मांग और हक़ीक़त का ब्यौरा करना कोई गुनाह तो नहीं।  

-Sent by one of our colleagues